Bitcoin की क़ीमत में उछाल की क्या है वजह? जाने Cryptocurrency के बारे में सबकुछ

America के राष्ट्रपति चुनाव में donald trump की जीत के बाद bitcoin की कीमत अस्सी हज़ार dollar यानी करीब सड़सठ लाख रुपए के ऊपर पहुंच गई है. चुनाव प्रचार के दौरान Trump ने america को दुनिया की crypto capital बनाने का वादा किया था. दुनिया की सबसे बड़ी cryptocurrency bitcoin की कीमत इस साल अस्सी प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ गई है. ना सिर्फ bitcoin बल्कि dodge coin जैसी दूसरी cryptocurrency में भी भारी उछाल दर्ज किया गया है क्योंकि Trump समर्थक allen musk doge coin को बढ़ावा देते हैं. Stone x financial के market analyst matt simpson ने BBC को बताया कि अगर Trump प्रशासन crypto currency को deregulate करते हैं तो bitcoin की कीमत एक लाख dollar के पार जा सकती है आखिर cryptocurrency है क्या ये काम कैसे करती है बड़े बड़े computer एक खास फार्मूले या कहें कि algorithm को हल करते हैं इसे mining कहा जाता है, तब जाकर cryptocurrency बनती है.

Bitcoin जैसी करीब चार हज़ार virtual currency बाज़ार में मौजूद हैं, इन सभी virtual currency को cryptocurrency कहा जाता है, crypto currency को कोई संस्था control नहीं करती, crypto currency की हर एक transaction का data दुनिया भर के अलग अलग कंप्यूटरों में दर्ज होता है. यहाँ किसी bank जैसे तीसरे पक्ष की ज़रूरत ही नहीं पड़ती. दो हज़ार आठ में bitcoin नाम की cryptocurrency बनी थी, दो हज़ार आठ से ले कर अब तक bitcoin को कब, किस wallet से खरीदा या बेचा गया, उसकी सारी जानकारी रहती है. इसमें परेशानी बस इतनी है कि इसमें ये पता नहीं चलता कि wallet किस व्यक्ति से जुड़ा हुआ है. अब समझते हैं कि virtual asset और digital wallet क्या होता है virtual का मतलब है जिसे physically touch ना किया जा सके और asset का मतलब है संपत्ति market में bitcoin, doge coin जैसी जितनी cryptocurrency हैं वो सारी virtual asset है.

Bitcoin जैसी करीब चार हज़ार virtual currency बाज़ार में मौजूद हैं, इन सभी virtual currency को cryptocurrency कहा जाता है, crypto currency को कोई संस्था control नहीं करती, crypto currency की हर एक transaction का data दुनिया भर के अलग अलग कंप्यूटरों में दर्ज होता है. यहाँ किसी bank जैसे तीसरे पक्ष की ज़रूरत ही नहीं पड़ती. दो हज़ार आठ में bitcoin नाम की cryptocurrency बनी थी, दो हज़ार आठ से ले कर अब तक bitcoin को कब, किस wallet से खरीदा या बेचा गया, उसकी सारी जानकारी रहती है. इसमें परेशानी बस इतनी है कि इसमें ये पता नहीं चलता कि wallet किस व्यक्ति से जुड़ा हुआ है. अब समझते हैं कि virtual asset और digital wallet क्या होता है virtual का मतलब है जिसे physically touch ना किया जा सके और asset का मतलब है संपत्ति market में bitcoin, doge coin जैसी जितनी cryptocurrency हैं वो सारी virtual asset है.

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