दीवाली के एक दिन बाद दो November की दोपहर थी. दस साल का आर्यन चक्रवर्ती अपने घर से निकला. कुछ देर बाद उसके घर पर घबराहट भरी एक खबर आती है. आर्यन के गले से खून बह रहा है आप लोग जल्दी चलिए. परिवार वाले वहां पहुंचते हैं तो मामला मामूली चोट से कहीं गंभीर नज़र आता है.
आर्यन को अस्पताल ले जाया जाता है जहां उसकी मौत की खबर आती है. सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि सोचने समझने का वक्त ना था. परिवार वालों को तनाव था. दावा किया गया कि आर्यन का गला रहता गया है. Social media पर बहुत सी post भी की गई जिनमें आरोप लगाया गया कि मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति ने आर्यन की हत्या की है.
देखते ही देखते बवाल होने लगा. एक बड़ी भीड़ इलाके में प्रदर्शन करने पहुंच गई. मगर जब police ने जांच की तो मामला कुछ और ही निकला. घटना में क्या क्या हुआ था? Police ने investigation में क्या जानकारी दी और क्या परिवार वाले इससे संतुष्ट हैं?
मामले की सारी जानकारी आपको बताते हैं. बात कानपुर देहात के रुड़ा थाना क्षेत्र की है. मृतक आर्यन भी यहीं का रहने वाला है. दोपहर में आर्यन अपने घर से निकला परिजन कहते हैं कि वह बाज़ार के लिए निकला था.
मगर जब वह जानलेवा रूप से ज़ख़्मी हुआ तब उस जगह पटाखे जलाए जा रहे थे. अनिल चक्रवर्ती का दस साल का बेटा आर्यन इसी जगह पर कथित रूप से मौजूद था. Police से मिली जानकारी के मुताबिक अंकित और ज़ाहिर नाम के दो लड़के वहां पटाखे जला रहे थे. तभी एक पटाखे के फटने के बाद आर्यन गिर पड़ा. पहले तो आसपास मौजूद लोगों को लगा कि आर्यन को दौरा पड़ गया है तो उसे देखने लोग दौड़कर उसके पास पहुंचे.
तभी उन्हें पता चलता है कि आर्यन के गले से तो खून बह रहा है. खून देखते ही लोगों में डर की स्थिति वन गई. तुरंत मौके पर आर्यन के घर वालों को बुलाया गया जिसके बाद परिजन उसे लेकर जिल्ल अस्पताल पहुंचे जहां doctor ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद इलाके में जमकर बवाल हुआ. बवाल का कारण था हत्या का शक.
परिजन और कुछ स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि आर्यन की मौत धारदार हथियार से गला रेत कर की गई है. परिवार वालों ने कुछ लोगों के नाम भी लिए जिन पर उन्हें शक था. साथ ही मामले ने social media पर भी जगह पाई. जहां यह ख़बर इस दावे के साथ share की जा रही थी कि आर्यन का गला एक मुस्लिम ने रेत कर उसकी हत्या कर दी है. बवाल इतना बढ़ा कि मौके पर लोगों का हुजूम आ गया जो police से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा था.
Police को भी extra force लगानी पड़ी ताकि भीड़ को काबू में रखा जा सके. मामले ने और ज़्यादा तूल तब पकड़ लिया जब तीन November रविवार को आर्यन का शव उसके घर पहुंचा. इसके बाद तो लोगों में और भी ज़्यादा आक्रोश देखा गया. लोगों ने शव का अंतिम संस्कार करने तक से मना कर दिया.
परिजन का कहना है कि जब तक हत्या का मामला दर्ज नहीं होता तब तक हम आर्यन का दाह संस्कार नहीं करेंगे. मौके पर कानपुर देहात के additional SP राजेश पांडे मौजूद हैं. उनके साथ इलाके के CEO चार थानों की police force सहित जवान भी तैनात है. इन सबको मिलाकर लगभग सौ से एक सौ बीस जवानों का police बल अभी भी स्थिति के नियंत्रण में लगा हुआ है.
Additional SP का कहना है कि परिजन ने जितने भी लोगों पर शक जताया है उन सभी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है. Police ने शुरुआती जांच के बाद इस हत्या में किसी भी तरह के कोई धार्मिक angle होने से इनकार कर दिया. मामले के दो मुख्य आरोपी हैं अंकित राठौर और जाहिर. Police के मुताबिक अंकित राठौर सुतली Bomb आग लगा रहा था. तो ज़ाहिर नाम के लड़के ने उस पर कथित रूप से एक steel का glass रख दिया ताकि पटाखा ज़्यादा आवाज़ करें.
जिसके बाद पटाखे के साथ साथ वह steel का glass भी फ़ट गया और इसी के साथ आर्यन भी ज़मीन पर गिर पड़ा.
आर्यन की postmortem report नहीं आई है.
जब वह आएगी तो और भी चीज़ें स्पष्ट होंगी.
Steel के glass और पटाखे से हुई मौत वाली story’ सही साबित होती है या हत्या वाले आरोप सच निकलते हैं. अभी तो मामले की सिर्फ शुरुआती जांच हुई है. पूरी जांच होनी अभी बाकी है. इसमें और भी पहलू सामने आने की संभावना है. अभी सबूत इकट्ठे होंगे उन सबूतों की जांच होगी.
गवाहों के बयान record किए जाएंगे. तमाम बातें जब अदालत में सिद्ध होंगी तभी कुछ भी स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा.