दिलखुश कुमार जो बिहार के एक छोटे से कस्बे से शुरू होकर एक सफल उद्यमी बनने तक का सफर उन्होंने अपनी मेहनत और साहस के बल पर “रॉडबेज” नामक एक टैक्सी स्टार्टअप शुरू किया. जिसने बिहार में यात्रा को सरल और किफायती बना दिया.हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए, दिलखुश कुमार की शिक्षा केवल 12वीं कक्षा तक ही रही उन्होंने 2016 में “रॉडबेज” नामक एक स्टार्टअप की नींव रखी.जो ग्राहकों को विश्वसनीय और प्रमाणित टैक्सी ड्राइवरों से जोड़ती है.
रॉडबेज यात्राओं के लिए वन-वे टैक्सी, कारपूलिंग और राइड-शेयरिंग की सुविधा प्रदान करती है
दिलखुश कुमार एक अन्य इंटरव्यू में iPhone का लोगो पहचानने में असफल रहे क्योंकि उन्होंने इसे पहले कभी नहीं देखा था.
2021 में, उन्होंने एक नया ऐप लॉन्च किया जिससे बिहार के हर शहर को टैक्सी नेटवर्क में जोड़ा जा सके.
उन्होंने 40 लाख रुपये का फंड भी जुटाया. इस ऐप की खास बात यह है कि यदि ड्राइवर की गलती से ग्राहक की फ्लाइट मिस हो जाती है, तो रॉडबेज की ओर से नई टिकट की व्यवस्था की जाती है, उन्होंने शार्क टैंक इंडिया में भाग लिया, जहां उन्होंने 5% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की मांग की.
रितेश अग्रवाल और नमिता थापर ने उन्हें 50 लाख रुपये का निवेश दिया, जिसमें 20 लाख रुपये बिना ब्याज और 30 लाख रुपये 5% ब्याज पर दिए गए.उनकी इस यात्रा में उनकी टैक्सियों की संख्या भी बढ़ी है, दिलीप कुमार का सपना अब इस कंपनी को 100 से 150 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंचाने का है